Jahnavi Sharma

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आई नो... यू नो..! (भाग-7)

दो दिन बाद.. .. 

सीबीआई हेडक्वॉटर
दिल्ली 


जब उच्च न्यायालय ने सजल अली मर्डर केस पर सीबीआई जांच की इजाजत दी, तो केंद्र सरकार द्वारा भी मंजूरी संबंधी सभी औपचारिकताएं निभाने में 2 दिन का वक्त लग गया। 2 दिन बाद केस से जुड़ी सभी जरूरी फाइल्स सीबीआई के दिल्ली हेड क्वार्टर में पहुंच चुकी थी। क्योंकि यह केस हत्या से संबंधित था, तो यह केस सीबीआई के छः खंडों मे से स्पेशल क्राइम डिवीजन के पास गया। सभी ऑफिसर के साथ केस से जुड़ी मीटिंग होने के बाद इस हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए पांच ऑफिसर की टीम का गठन हो चुका था। 

सजल मर्डर केस की गुत्थी को सुलझाने के लिए जिस टीम का गठन हुआ था... उसके हेड ऑफिसर अर्पण देशमुख थे। कोर्ट के आदेशानुसार इंस्पेक्टर शर्मा को भी इस टीम में शामिल किया गया था। जबकि अपनी कोशिशों से पाखी ने भी इस टीम में अपनी जगह बना ही ली थी। उन तीनों के अलावा दो और सब इंस्पेक्टर मनन और इंस्पेक्टर तनिष्का भी थे। 

केस हैंडल करने के लिए सीबीआई की टीम मुंबई पहुंच चुकी थी। सीबीआई की टीम मुंबई के ही एक होटल में रुकी थी। ऑफिसर अर्पण बिल्कुल भी वक्त बर्बाद नहीं चाहते थे। मुंबई पहुंचने के 2 घण्टे बाद रात के 9:00 बजे इस केस संबंधित मीटिंग हो रही थी कि आगे क्या और कैसे किया जाए। 

"लिसन ऑफिसर्स... ऑलरेडी हम बहुत टाइम गवा चुके हैं", अर्पण ने सब को संबोधित करते हुए कहा, "अब तक हमारा कातिल सतर्क हो चुका होगा.... या हो सकता है कि वह हमारी पहुंच से बहुत दूर चला गया हो। इस वारदात को जिस तरह से अंजाम दिया गया है यह किसी नौसिखिया का काम बिल्कुल नहीं हो सकता। यह एक परफेक्ट क्राइम है। बट एज यू नो कि कोई क्राइम कभी भी परफेक्ट नहीं होता। कातिल कोई ना कोई गलती कर ही देता है और हमारा काम है उस उस गलती को पहचानना।"

"सर हमने बहुत कोशिश की थी कि हम प्राइम सस्पेक्ट को पकड़कर उनसे सख्ती से पूछताछ करें। लेकिन आप नही जानते लेकिन सिंघानिया फैमिली तक पहुंचना इतना आसान नहीं है। लेकिन अब जब सीबीआई इसमें इंवॉल्व हो गया है, तो शायद उनके पैसों की ताकत अब काम ना आए," इंस्पेक्टर शर्मा ने पाखी की तरफ देखकर कहा। 

"सबसे पहले तो तुम मुझे सर बुलाना बंद करो मोहित। हम दोनों कॉलेज फ्रेंड्स हैं, तो कम से कम अकेले में तो यह फॉर्मेलिटी मत करो। बाकी तुम पाखी की तरफ इस तरह से मत देखो। मैंने पाखी के साथ पहले भी काम किया है और वह अपने काम को लेकर बहुत ईमानदार है, "अर्पण ने मुस्कुराते हुए कहा। 

"चलो कोई तो है यहाँ, जिसे मेरी ईमानदारी पर कोई शक नही है। पता नहीं क्यों इंस्पेक्टर मोहित शर्मा को यह लगता है कि मैं सिंघानिया फैमिली का साथ दे रही हूं। मोहित सर क्या आप अपने पर्सनल इश्यूज को भूलकर इस केस पर ध्यान देंगे? आई डोन्ट नो इंस्पेक्टर शर्मा को सिंघानिया फैमिली... एस्पेशली विराट से क्या प्रॉब्लम है। लेकिन मैं चाहती हूं कि वह इस केस पर ओनेस्टली काम करें, " पाखी ने कहा। 

"तो फिर प्लान क्या है? कहां से शुरू करें?" तनिष्का ने पूछा। 

"शुरुआत से शुरू करते हैं" अर्पण ने तनिष्का की बात का जवाब दिया। 

"शुरुआत से शुरु करने का मतलब है कि होटल मीनाज.... हमारा क्राइम स्पॉट । एम आई राइट सर?" मनन ने पूछा। 

"नो मनन.... शुरुआत से शुरु करने का मतलब हमारे प्राइम सस्पेक्ट से शुरुआत।" मोहित ने मनन के सवाल का जवाब देते हुए कहा। 

'नॉट एक ऑल मोहित! शुरुआत से शुरु का मतलब सजल अली से शुरुआत। तुम लोगों को नहीं लगता कि हमारी विक्टिम कुछ ज्यादा ही सस्पीसियस है। इतनी बड़ी एक्ट्रेस होने के बावजूद उसके पर्सनल लाइफ आज भी एक राज है। यहां तक कि उसके घर वाले भी उसके बारे में ज्यादा नहीं जानते। और मुंबई पुलिस ने भी कोशिश नहीं की कि सजल के बारे में जानकारी इकट्ठा किया जाए।",... अर्पण ने गंभीर होकर बोला, "मैं मुंबई पुलिस की कमियां नहीं निकाल रहा मोहित लेकिन तुम लोगों को सिर्फ 2 प्राइम सस्पेक्ट मिले थे। इसका मतलब यह नहीं कि तुम लोग विक्टिम पर बिल्कुल भी फोकस ना करो। माना कि क्राइम स्पॉट पर मिले सबूत बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन हर बार आंखों देखा भी तो सच नहीं होता।"

"हम लोगों ने पड़ोसियों से पूछताछ की थी। लेकिन उन्हें भी इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं पता। सबका एक ही कहना है कि सजल की उसके माता-पिता के साथ कुछ खास बनती नहीं हुई थी। इस तरह के मामलों में अक्सर यही होता है कि पहले कोई कुछ नहीं बोलता, और बाद में मुँह जितनी ही बातें बनती है। अब प्राइम सस्पेक्ट की बात करे तो, तुम अच्छे से जानते हो अर्पण... कि वो विराट सिंघानिया कैसा है। ऐसे में सजल का मरना... विराट और राम सिंघानिया का उसका मौत से पहले का कनेक्शन साफ इशारा करते हैं कि कातिल उन दोनों में से ही कोई एक है," मोहित ने अब तक की जांच - पड़ताल को संझेप मे बता दिया। 

"देखो मोहित मुझे नहीं पता कि तुम्हारी विराट या सिंघानिया फैमिली से क्या प्रॉब्लम है। लेकिन यह एक परफेक्ट क्राइम है। किसी ने बहुत सोच समझकर यह सब किया है। बर्फ के हथियार से सजल को मारना... आई मीन कभी कोई नॉर्मल व्यक्ति सोच भी नहीं सकता कि इस तरह भी किसी की जान ली जा सकती है।" पाखी ने अपनी राय दी। 

"तुम तो उसे सपोर्ट करोगी ही... तुम्हारे होने वाला पति जो है। तुमने जानबूझकर यह केस लिया ना, ताकि अपने ससुराल वालों को बचा सको?" मोहित ने गुस्से में कहा। 

मोहित और पाखी आपस में ही उलझ पड़े। और वो दोनो एक- दूसरे को गलत साबित करने में लगे थे। 

उन दोनों की बहस सुनकर अर्पण ने बोला,"अगर तुम दोनों ऐसे ही बहस करते रहे, तो मैं तुम दोनों को ही इस केस बाहर निकलवा दूंगा। मैं चाहता हूं कि यह केस जल्द से जल्द सॉल्व किया जाए, तो तुम दोनों अपने पर्सनल इश्यूज भूल कर इस केस पर ध्यान दोगे। हम सबसे पहले सजल के घर वालों और पड़ोसियों से बात करेंगे। जितने सीधे और मासूम वह बन रहे है... मुझे लग नहीं रहे। कुछ तो वजह होगी, जो सजल उनके पास नहीं रहती।"

"ठीक है सर... मैं सजल अली के पिता अली खान और मां नाजिया खान के साथ उसके छोटे भाई अनस अली खान को भी समन भिजवा देता हूं, कि कल शाम तक पूछताछ के लिए वो तीनो होटल आ जाए," तनिष्का ने कहा। 

"ठीक है फिर एक बार इस मीटिंग को यहीं खत्म करते हैं एंड वन मोर थिंग पाखी एंड मोहित .... तुम दोनों के पर्सनल प्रॉब्लम्स ने अगर इस केस को जरा सा भी इफेक्ट किया, तो मैं 1 मिनट भी नहीं लूंगा... तुम दोनों को इस केस से बाहर निकालने से पहले। अब तुम लोग जा सकते हो, "अर्पण ने सख्ती से कहा। 

मीटिंग खत्म होने के बाद सभी अपने -अपने कमरो में जाने लगे। 

" मोहित! मुझे तुमसे कुछ बात करनी है। " अर्पण ने मोहित को रोकते हुए कहा। 

मोहित को छोड़ बाकी सभी अपने कमरों में सोने के लिए जा चुके थे। 

"मोहित मै तेरा दर्द अच्छे से जानता हूं। शिवानी सिर्फ तेरी ही नहीं, मेरी भी छोटी बहन की तरह ही थी। लेकिन मुझे नहीं लग रहा है कि इस बार विराट ने कुछ किया होगा।" बोलते हुए अर्पण ने मोहित के कंधे पर हाथ रखा। 

"भले ही यह मर्डर विराट ने नहीं किया होगा। लेकिन तुमने सजल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ी होगी... सजल प्रेग्नेंट थी और साथ ही उसके साथ रेप भी हुआ था। विराट सिंघानिया इतने परफेक्ट मर्डर को अंजाम नहीं दे सकता, लेकिन सजल की प्रेगनेंसी या रेप... दोनों में से एक में उसका हाथ जरूर है।"

"हो सकता है.... मुझे पता है तेरे मन में क्या चल रहा है? तुझे यही चाहता है ना कि पाखी जैसी काबिल ऑफिसर विराट से शादी ना करें" अर्पण ने पूछा। 

"हां अर्पण! पाखी एक बहुत समझदार और अच्छी लड़की है। मैं नहीं चाहता कि उसे विराट जैसा लाइफ पार्टनर मिले और उसकी जिंदगी बर्बाद हो। लेकिन वह है कि इस बात को समझने के लिए तैयार ही नहीं है।," मोहित की बातों से उसका दर्द साफ से लग रहा था कि वह बिल्कुल नहीं चाहता था कि जो उसकी बहन के साथ हुआ, वह दूसरी किसी भी लड़की के साथ हो। 

"मैं तेरी बातों को अच्छे से समझ रहा हूं मोहित.... लेकिन पाखी भी अपने माता-पिता के किए गए वादे के आगे मजबूर हैं। इसके लिए तो उसने खुद की फिलिंग्स तक को दबा दिया , ताकि अपने मां-बाप की आखिरी इच्छा को पूरा कर सकें।" अर्पण ने कहा, तो मोहित उससे हैरानी से पूछा, "तू कहना क्या चाहता है? मैं समझा नहीं... "

"यही कि मैं और पाखी एक ही बेच से थे और तब से ही हम एक दूसरे से प्यार करते हैं। मुझे आज भी याद है जब पाखी दिवाली की छुट्टियों पर अपने घर गई थी। उसने प्रॉमिस किया था कि इस बार वह अपने मम्मी पापा से हमारे बारे में जरूर बात करेगी। किसे पता था कि ऐसे अचानक से उसके मां-बाप की मौत हो जाएगी। वह दोनों तो इस दुनिया से चले गए लेकिन अपने पीछे पाखी पर अपनी दोस्ती का भार छोड़ गए...और उसी के साथ ही पाखी की सारी खुशियां छिन गई। हमने बिल्कुल नहीं सोचा था कि हमारे साथ ऐसा होगा।," थोड़ी देर पहले जो अर्पण सबके सामने एक सख्त पुलिस ऑफिसर की तरह पेश आ रहा था... उसी अर्पण ने अभी अपने दोस्त के सामने अपना पूरा दिल खोल कर रख दिया। ना चाहते हुए भी अर्पण की आंखें छलक उठी। 

मोहित को अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था कि जो अर्पण दूसरों के हक के लिए हमेशा आगे रहता था। आज उसी की जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी उससे दूर जा रही थी और वह कुछ नहीं कर पा रहा था। उसने अर्पण को गले लगाकर हौसला दिया। 

"लेकिन पाखी ने तो कहा था कि वह विराट को बहुत सालों से जानती है। तू तो विराट को अच्छे से जानता है ना कि वह कैसा है। फिर तू पाखी को उसके साथ शादी कैसे करने दे सकता है।" मोहित ने पूछा। 

"मुझे पाखी ने कभी नहीं बताया कि उसकी शादी किसके साथ होने वाली है. ना ही खुद उसने उस इंसान के बारे में जानने की कोशिश की....अभी कुछ महीनों पहले मिस्टर सिंघानिया पाखी से मिले और उन्होंने शादी का कहा तो पाखी को मजबूरन सगाई के लिए मुंबई जाना पड़ा। मुझे खुद टीवी मे न्यूज़ देखकर पता चला कि पाखी की शादी विराट सिंघानिया से हो रही है। उसके बाद यूं अचानक सजल की लाश का मिलना... तो इन सबके बीच मुझे पाखी से बात करने का मौका भी नहीं मिला। लेकिन अब जब मुझे पता चल गया है तो मैं पाखी की जिंदगी बर्बाद नहीं होने दूंगा। चाहे फिर वह मुझसे शादी करें या ना करें। चल अब बहुत देर हो गई है... कल केस पर भी काम करना है। गुड नाइट...,"अर्पण ने मोहित को भेजते हुए कहा। 

मोहित वहां से जा चुका था, लेकिन उसका मन बहुत अशांत था। मोहित अर्पण और विराट तीनों एक ही कॉलेज में साथ पढ़ते थे। मोहित और अर्पण दोनों एक दूसरे के जिगरी यार थे। अर्पण हमेशा से ही एक समझदार और सुलझा हुआ इंसान था, तो वही मोहित थोड़ा मस्तीखोर... शिवानी के साथ हुए हादसे ने मोहित को बदल कर रख दिया। वही अर्पण ने मोहित को संभालने की पूरी कोशिश की। 
कॉलेज पूरा होते ही दोनों का एक दूसरे से मिलना जुलना और बातचीत ना के बराबर हो गई। इन सबके बीच अर्पण की जिंदगी में पाखी आई। पाखी और अर्पण एक -दूसरे से बहुत प्यार करते थे, लेकिन पाखी के माता-पिता के एक वादे ने उसकी जिंदगी को बदल कर रख दिया था। 

मोहित को भेजने के बाद भी अर्पण को नींद नहीं आ रही थी, तो वह वॉक करने के लिए टेरिस पर गया। अर्पण इधर- उधर टहल रहा था, तो उसने देखा कि पाखी भी वहीं पर थी। 

"पाखी....."अर्पण ने पाखी को आवाज दी ,"तुम इस वक्त यहां क्या कर रही हो ? आई थिंक अब तक तो तुम्हें सो जाना चाहिए।"

पाखी ने अर्पण की तरफ मुड़ते हुए कहा, "सो तो तुम्हें भी जाना चाहिए....क्या करूँ अर्पण इस दिल को सुकून ही नही मिलता.... अर्पण अब और नहीं सहन होता यह सब मुझसे। पहले मेरे मम्मी- पापा ने बिना मुझसे पूछे एक ऐसे इंसान के साथ मेरी जिंदगी का सफर तय कर दिया, जिसे मैं जानती भी नहीं थी। मुझे नहीं पता विराट कैसा इंसान है, उसने सजल को मारा है या नहीं। लेकिन उसकी दादी मुझे नीचा दिखाने का एक मौका नहीं छोड़ती। क्या कलर कॉम्प्लेक्शन ही सब कुछ होता है? तुमने तो मुझे कभी नहीं कहा कि बाकी तुम्हारा रंग सांवला है, तो मैं तुमसे शादी नहीं करूंगा। 

"ओह तो हमारी ब्रेव पाखी आज ब्रोकन फील कर रही है। मैंने तुम्हें उस वक्त भी यही कहा था और आज भी यही कह रहा हूं। अगर तुम्हारे मम्मी- पापा आज जिंदा होते और उन्हें पता होता कि तुम किसी और से प्यार करती हो .... तो वह तुम्हारी इच्छाओं का जरूर सम्मान करते। पाखी कोई मजबूरी नहीं है... कि तुम्हें विराट से शादी करनी ही होगी।, " अर्पण ने पाखी को समझाया। 

"नहीं अर्पण! मेरे मम्मी पापा ने हमेशा मेरी सभी इच्छाओं को पूरा किया था, तो अब मेरा भी फर्ज बनता है कि मैं उनकी आखिरी इच्छा को पूरा करूं। लेकिन दिल में एक टीस हमेशा रहेगी कि क्यों मां-बाप की इच्छाओं के आगे बच्चे दबकर रह जाते हैं। उन्होंने एक बार भी मुझसे पूछना जरूरी नहीं समझा कि मैं क्या चाहती हूं," पाखी अर्पण के बहुत करीब थी। अर्पण के सामने उसने अपना दिल खोल कर रख दिया। अर्पण पाखी को समझाने की पूरी कोशिश कर रहा था कि उसे यह शादी करने की कोई मजबूरी नहीं... लेकिन फिर भी पाखी यहीं चाहती थी कि उसकी मां बाप की कोई भी इच्छा अधूरी रहे। 


★★★★★★

अगले दिन
शाम 4 बजे। 

जैसे कि अर्पण ने सब को निर्देश दिया था, उस हिसाब से सभी अपने - अपने काम पर लग गए थे। सजल के माता पिता और भाई सीबीआई के समक्ष उपस्थित हो चुके थे। जहां मनन और तनिष्का सजल के पड़ोसियों से पूछताछ कर रहे थे, वही पाखी सजल की मां से ,अर्पण सजल के पिता से, तो मोहित सजल के भाई से पूछताछ मे लगे थे। 



"मिसेज खान! सुना है सजल की और आपकी कुछ खास बनती नहीं थी। मैंने तो पड़ोसियों से यह तक सुना है कि आप उसे ताना मारने का एक भी मौका नहीं छोड़ती थी। और कई बार तो बात हाथापाई तक आ गयी थी। क्या यही वजह थी कि सजल आपके घर पर नहीं आती थी? " पाखी ने नरमायी से सजल की मां से सवाल पूछने शुरू किये। 

"यह कैसी बात कर रही है आप मैडम ? मैंने खुद जना था अपनी बच्ची को... पता नहीं कौन से गलत रास्ते चल पड़ी। पहले हमें उसके काम से दिक्कत थी, लेकिन बाद में हमने उसका खूब साथ दिया।" सजल की मां नाजिया ने रोते हुए कहा। 

"पहले आप रोना बंद कीजिए। हाँ पता चला मुझे कि आप बाद में सजल को क्यों सपोर्ट कर रही थी? क्योंकि पैसे जो आने लगे थे। आपके पति और बेटा तो कुछ करते नहीं थे। तुम लोगो ने सजल के पैसों को गलत तरीके से इस्तेमाल करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा ..... यही वजह थी ना कि सजल आपसे नाराज थी और घर से दूर रहती थी। सुना है कुछ महीने पहले ही सजल ने पैसे भी भिजवाने बंद कर दिए थे। इसीलिए आपने उसे मारने की धमकी भी दी थी। आपके पड़ोसियों ने तो यही बयान दिया है।" पाखी नाजिया को अपनी बातों में फंसाने की पूरी कोशिश कर रही थी। 


सजल की मां नाजिया एक बहुत ही लालची औरत थी, जिसे पैसों के अलावा और कुछ नहीं दिखता था। पाखी ने जब सख्ती से पूछताछ की तो मालूम हुआ कि नाजिया सजल की सौतेली मां थी, जो कि उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी। जब सजल एक्ट्रेस बन गई, तो उसने अपने माता-पिता का घर छोड़ दिया और कहीं और रहने लगी। 
अर्पण को भी पूछताछ में कुछ खास पता नहीं चला।  सजल का भाई अनस भी उसका सौतेला भाई था। सजल की मां के आगे उसके बाप की एक भी नहीं चलती थी। सजल के मां- बाप ने ज्यादा मुंह नहीं खोला, लेकिन अनस अभी इन सब मामलों में कच्चा था। मोहित ने जब अनस को डराया, तो उसने बताया कि नाजिया ने सजल को जहर देकर मारने की कोशिश की थी। यही वजह थी कि उसने उनका घर छोड़ दिया था। और सजल की मौत के बाद उन्हें इंश्योरेंस के तौर पर दस करोड़ मिलने वाले थे। 


कमशः..... 


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1 Comments

Pamela

02-Feb-2022 01:02 AM

Intresting

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